श्रावण सोमवार रुद्र अभिषेकम पूजा 2024

श्रावण मास सोमवार पंचमुखी महादेव शिवलिंगं रुद्र अभिषेकम पूजा 2024

श्रावण मास का महत्व

श्रावण मास हिंदू धर्म में एक पवित्र महीना माना जाता है। इस मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। भक्तजन इस महीने में शिवलिंग की पूजा और रुद्राभिषेक करते हैं।

सोमवार का दिन

श्रावण मास में सोमवार का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। इसे 'श्रावण सोमवार' कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है।

पंचमुखी महादेव शिवलिंग

पंचमुखी महादेव शिवलिंग का अपना एक अलग ही महत्व है। यह शिवलिंग भगवान शिव के पाँच मुखों का प्रतीक है। इसे पंचमुखी शिवलिंग के नाम से भी जाना जाता है। भक्तजन इस शिवलिंग की पूजा से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करते हैं।

रुद्र अभिषेकम पूजा का महत्व

रुद्र अभिषेकम पूजा श्रावण मास में विशेष महत्व रखती है। इस पूजा में भगवान शिव का विशेष विधि से अभिषेक किया जाता है। इसे करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। रुद्र अभिषेक पूजा की अधिक जानकारी 

श्रावण मास 2024 में पूजा विधि

पूजा की तैयारी

श्रावण मास 2024 में सोमवार को पूजा के लिए सबसे पहले एक स्वच्छ स्थान पर पंचमुखी महादेव शिवलिंग को स्थापित करें। इसके बाद सभी पूजन सामग्री एकत्र करें।

रुद्र अभिषेकम विधि

  1. गंगाजल से अभिषेक: सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं।
  2. दूध का अभिषेक: इसके बाद दूध से अभिषेक करें।
  3. दही का अभिषेक: फिर दही से अभिषेक करें।
  4. घी का अभिषेक: इसके बाद घी से अभिषेक करें।
  5. शहद का अभिषेक: फिर शहद से अभिषेक करें।
  6. शक्कर का अभिषेक: अंत में शक्कर से अभिषेक करें।

मंत्र जाप और आरती

अभिषेक के बाद भगवान शिव का मंत्र जाप करें। 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते हुए 108 बार माला फेरें। अंत में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

श्रावण मास के अन्य महत्वपूर्ण दिन

श्रावण मास में केवल सोमवार ही नहीं, बल्कि अन्य दिन भी विशेष महत्व रखते हैं। इस महीने में नाग पंचमी, रक्षाबंधन और कृष्ण जन्माष्टमी जैसे त्योहार भी मनाए जाते हैं।

उपसंहार

श्रावण मास 2024 में पंचमुखी महादेव शिवलिंग की रुद्र अभिषेकम पूजा विशेष फलदायी होती है। इस पवित्र मास में भगवान शिव की पूजा करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण की जा सकती हैं। श्रद्धा और भक्ति के साथ इस पूजा को करें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।