मोक्षदा एकादशी का महत्व
मोक्षदा एकादशी, हिन्दू पंचांग में मार्गशिर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहा जाता है और इसका महत्व अत्यंत उच्च माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और इसे मोक्षदा एकादशी के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है "मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी"। मोक्षदा एकादशी का महत्व पुराणों में विस्तार से वर्णित है। एक प्रमुख कथा के अनुसार, यमराज की पत्नी उर्वशी सुती का मनोभाव स्वर्गवासी होने की इच्छा रखती थी, लेकिन उन्हें वह भगवान विष्णु की भक्ति का अहम मार्ग नहीं मिला था। उसने राजा मंदाता के यहाँ तपस्या करते हुए मोक्ष प्राप्त करने का सूचना सुनी और एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हुए मोक्ष को प्राप्त किया। इस दिन की विशेष व्रत की आदि इस कथा से होती है। मोक्षदा एकादशी का पुराणों में और भी कई रूपों में महत्व वर्णित है, जिसमें भक्ति और धार्मिकता का महत्वपूर्ण सन्देश है। इस व्रत में व्रती भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनके चरणों में अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके पापों का नाश होता है। मोक्षदा एकादशी को भारतीय समाज में उत्सवात्मक रूप से मनाया जाता है, और लोग इस दिन विशेष प्रकार से सत्कार और दान करके अपने आत्मा की पवित्रता को बढ़ाने का प्रयास करते हैं। मोक्षदा एकादशी का पालन करके लोग अपने जीवन में धर्म, भक्ति, और नैतिकता के मूल्यों को अपना सकते हैं और मोक्ष की प्राप्ति के प्रति अपनी साधना को मजबूत कर सकते हैं।9 months ago